भारत में कोरोना वायरस जबरदस्त कहर बरपा रहा है. शहरों के साथ-साथ गांवो में भी जबरदस्त तरीके से कोरोना फैल रहा है, इसका कारण सबसे बड़ा यह है कि लोग लापरवाह हो गए है, कोरोना से भलें आप जंग जीत जाओ, लेकिन कोरोना अपना असर छोड़ जाता है, जो हमारे लिए बहोत घातक है, रिसर्च में पाया गया है कोरोना से जो मरीज़ ठीक हुए है वह पूर्णता सुरक्षित नहीं है।
भारत में कोरोना वायरस जबरदस्त कहर बरपा रहा है. हालात यह हो चले हैं कि अब भारत प्रतिदिन एक लाख नए मामलों के करीब जा पहुंचा है. इस बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने जो देशभर के पहले दौर के सीरो सर्वे (Sero Survey) के नतीजे जारी किए हैं, वह काफी हैरान करने वाले हैं. आईसीएमआर के अनुसार, सीरो सर्वे से पता चला है कि मई महीने तक ही देश में करीब 64 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके थे।
आईसीएमआर ने जो नतीजे जारी किए हैं उससे यह भी पता चला है कि कोरोना वायरस ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपनी पैठ बना चुका था. सेरो सर्वे के अनुसार, गांव के करीब 44 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके है।
क्या होता है सीरो सर्वे?
सीरो सर्वे के तहत यह पता लगाया जाता है कि आखिर किसी जिले या शहर में कितने लोग कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हुए. सीरो सर्वेक्षण में रक्त सीरम का परीक्षण किया जाता है और यह देखा जाता है कि किसी संक्रमण के खिलाफ उसमें एंटीबॉडीज विकसित हुईं हैं या नहीं.