चीन ने दी युद्ध की धमकी, रक्षा मंत्री राजनाथ के बयान से ड्रैगन बौखलाया

पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में भारतीय जवानों (Indian Army) और पीएलए (PLA) सैनिकों के बीच हुए हिंसक संघर्ष के बाद चीन को वैश्विक मंच पर अलग-थलग कर भारत ने एक तीर से कई निशाने साधे है।

सबसे बड़ा तो यही है कि कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के फैलाव को लेकर भारत और अन्य देशों से 'पंगा' ले रहे ड्रैगन के कसे बल ढीले पड़ गए है। दूसरे अमेरिका (US) और भारत की अगुवाई में चीन के खिलाफ वैश्विक स्तर पर एक जनमत अलग खड़ा हो गया है।

चीन के विशेषज्ञ बताते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के अड़ जाने से चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग ( Jinping) घरेलू मोर्चे पर भारी दबाव का सामना कर रहे हैं. यह अलग बात है बीजिंग प्रशासन का 'प्रोपेगेंडा वॉर' बदस्तूर जारी है।

इस कड़ी में अब चीनी सरकार के मुखपत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने सर्दियों में तनाव बढ़ने की धमकी देते हुए भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के मंगलवार को लोकसभा में दिए बयान को अपने कुतर्कों का आधार बनाया है।

राजनाथ सिंह ने दी दो-टूक चेतावनी

गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के मसले पर मंगलवार को लोकसभा में बयान दिया. उन्होंने लद्दाख में भारत-चीन के बीच जारी तनाव के लिए सारा का सारा ठीकरा न सिर्फ चीनी सेना पर फोड़ा, बल्कि चीन को चेता भी दिया कि भारतीय सेना हर मुश्किल के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि पहले के तमाम समझौतों को दरकिनार कर चीनी सेना ने उकसावे पूर्ण कार्रवाई की है. हालात मुश्किल जरूर हैं, लेकिन दोनों देश शांति और धैर्य के साथ इसे सुलझा सकते हैं. हालांकि उन्होंने चीन को चेतावनी देने के लिए शब्दों में कतई कोई घालमेल नहीं किया. उनका इशारा साफ था कि भारत भी सीमा पर शांति बनाए रखने का पक्षधर है, लेकिन देश की संप्रभुता पर हमला किसी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बौखलाया जिनफिंग प्रशासन

जाहिर है रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के इस बयान से बीजिंग प्रशासन का बौखलाना जायज ही था. इसकी परिणति उनके मुखपत्र 'ग्लोबल टाइम्स' की गीदड़ भभकी के रूप में सामने आई हैं. अखबार का कहना है कि भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान उकसाने वाला है और इससे सीमा पर सर्दियों में तनाव बहुत बढ़ सकता है।

चीनी सरकार के अखबार ने विशेषज्ञों के हवाले से कहा है कि लद्दाख सीमा पर मसला जल्द सुलझना मुश्किल है. कहा गया है कि इस तरह का बयान देकर भारत के रक्षा मंत्री अपने लोगों को ये भरोसा दिलाना चाहते हैं कि उनकी सेना और सरकार तैयार है, लेकिन सच ये है कि भारत के कारण ही ऐसी परिस्थिति बनी है।

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