नई दिल्ली: हरियाणा सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान हरियाणा रोडवेज के बेड़े को बढ़ाने के लिए सरकार की 261 करोड़ रुपये की लागत से 500 स्टेण्डर्ड डीजल और 150 एच.वी.ए.सी. बसें खरीदने की योजना है। इसके अलावा, सरकार द्वारा किलोमीटर स्कीम के तहत संचालित बसों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। आम जनता की सुविधा के लिए लंबे अंतर्राज्यीय मार्गों पर स्लीपर बस सेवाएं भी शुरू करने का प्रस्ताव है। लोगों की सुविधा और जीवनयापन को सुगम करने के लिए गांवों में 100 नए बस क्यू शेल्टर बनाए जाएंगे। यात्रियों की सुविधा के लिए राज्य के सभी प्रमुख बस अड्डों में यात्रियों की सुविधाओं, विशेषकर पेयजल और शौचालय ब्लॉकों का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज बतौर वित्त मंत्री विधान सभा में 2024-25 का बजट पेश करते हुए परिवहन और नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए 3,993.50 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो कि चालू वर्ष के 3,286.35 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमानों की तुलना में 21.51 प्रतिशत की वृद्धि है।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष घोषणा की थी कि सरकार नौ शहरों में इलेक्ट्रिक बसों पर आधारित सिटी बस सेवा शुरू करेगी। हरियाणा सिटी बस सेवा निगम लिमिटेड के माध्यम से हाल ही में पानीपत और यमुनानगर में ए.सी. इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू हो चुकी हैं और करनाल व पंचकूला में मार्च, 2024 के मध्य में शुरू हो जाएंगी। शेष पांच शहरों में जून, 2024 तक सिटी बस सेवाएं शुरू होने की संभावना है। इसके लिए कुल 450 ए.सी. इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ई-रिक्शा, विशेष रूप से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में डीजल रिक्शा की तुलना में कम लागत वाला परिवहन विकल्प है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण पर बढ़ती चिंता और ई-रिक्शा मालिकों की मांग पर, ई-रिक्षा के लिए वार्षिक शुल्क की बजाय एक ही बार शुल्क लगाने का प्रस्ताव करता हूं। इस संबंध में परिवहन विभाग द्वारा अलग से अधिसूचना जारी की जायेगी।
सरकार गैर-परिवहन वाहनों के लिए अधिमान्य पंजीकरण नंबरों की ई-नीलामी की प्रणाली अपनाने की प्रक्रिया में है। मार्च, 2024 तक ई-नीलामी प्रक्रिया लागू हो जाएगी। इससे सरकार के राजस्व में वृद्धि होने के साथ-साथ नंबरों का आवंटन भी पारदर्शी आधार पर हो सकेगा।
नागरिक उड्डयन वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य में नागरिक उड्डयन उद्योग के विकास के लिए कई पहल की हैं। हिसार में इंटीग्रेटेड एविएशन हब का विकास, हवाई अड्डा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से सबसे महत्वपूर्ण पहल है। यह परियोजना इस समय अंतिम चरण में है और वर्ष 2024-25 के शुरुआत में उड़ान शुरू होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में हेली-हब शुरू करने का प्रस्ताव है। आठ जिलों नामतः जींद, झज्जर, कैथल, पलवल, यमुनानगर, रोहतक, कुरुक्षेत्र और सोनीपत में स्थायी हेलीपैड के निर्माण के लिए व्यवहार्यता अध्ययन किया जा रहा है। मैं नूंह, यमुनानगर और रोहतक जिलों में उचित स्थानों पर नई हवाई पट्टियां विकसित करने का प्रस्ताव करता हूं। ई-भूमि के माध्यम से भूमि की पहचान और उसकी खरीद की प्रक्रिया वर्ष 2024-25 में शुरू की जाएगी।