कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच अब लोगों को इसके वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार पूरी दुनिया में इस समय 21 से ज्यादा वैक्सीनों का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है. वैक्सीन को विकसित करने की प्रक्रिया में रूस सबसे आगे दिखाई दे रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक रूस दो दिनों बाद यानी कि 12 अगस्त को अपने पहले कोरोना वैक्सीन का पंजीकरण कराएगा।
रूस की वैक्सीन को लेकर दुनियाभर में चर्चाएं तेज हो गई हैं, क्योंकि उसने दावा किया है कि उसके यहां 12 अगस्त को वैक्सीन का पंजीकरण होगा और अक्तूबर महीने से पूरे देश में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। हालांकि रूस के इन दावों पर कई देश संदेह जता रहे हैं। ब्रिटेन और अमेरिका समेत कई अन्य देशों के विशेषज्ञों ने इस वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावशीलता पर सवाल उठाए हैं।
अभी तक किसी देश को वैक्सीन बनाने में सफलता नहीं मिली है। रूस ने प्लान किया है कि यह वैक्सीन सबसे पहले हेल्थ वर्कर्स को दी जाएगी, उसके बाद बुजुर्गों को। मॉस्को ने कई देशों को भी वैक्सीन सप्लाई करने की बात कही है। रूस का कहना है कि वह अपने कोरोना टीके का बड़े पैमाने पर उत्पादन सितंबर से शुरू कर सकता है। रूस ने फिलीपींस को उसकी कोरोना वायरस वैक्सीन देने का ऑफर दिया था। फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने यह ऑफर तो स्वीकार कर ही लिया है, साथ ही कहा है कि वह सबसे पहले खुद को वह टीका लगवाना चाहते हैं। ऐसा वह रूस के प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर करने के लिए करना चाहते हैं।