कोरोना: ठीक होने के बाद भी लंबे समय तक रहते हैं ये साइडइफेक्ट्स


क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम, शरीर में दर्द रहता है।

साढिय़ां चढऩा और ज्यादा देर बातें करने में दिक्कत,

मोटे लोगों में अधिक समस्या है।

मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी से दौरे, उदासी, चिड़चिड़ापन, अवसादग्रस्त व नींद कम होती है।


जब खुद हुईं संक्रमित

कोविड 19 हुए 40 दिन से अधिक हो गए हैं। ठीक होने में 14 दिन लगे थे। गले में खराश, बुखार, सांस की तकलीफ और खांसी की बढ़ती गंभीरता के साथ से शुरुआत हुई थी। 5-7 वें दिन दस्त व उल्टी होने लगे थे। 8वें दिन से सूंघने व स्वाद की शक्ति खत्म हो गई। खाने की इच्छा नहीं होती थी। यह 14 दिन तक चला। 10वें दिन के बाद बुखार नहीं हुआ, लेकिन सांस फूलना और हल्की खांसी थी। 14वें दिन से राहत मिली लेकिन 15वें दिन के बाद से हाथ-पैरों की मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द जो आज भी है। स्थिति गंभीर न थी। हॉस्पिटल में भर्ती होना नहीं पड़ा था।


क्या करें

नियमित फेफड़े के और दूसरे हल्के व्यायाम करें। खुश रहें, गाने सुनने, पसंद के काम करें, परिजनों से बातें करें। हैल्दी डाइट लें। कोई लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर को बताएं।


4 माह से अधिक समय भी लग सकता

जिन्हें अस्थमा या ब्रोंकाइटिस है या फिर 60 साल से ऊपर के रोगियों में निमोनिया-एआरडीएस (तीव्र श्वसन संकट सिंड्रोम) समस्या हो रही है। हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ रहा है। कुछ मरीजों को ठीक होने में चार माह से अधिक का समय लग रहा है। ठीक होने के बाद भी सभी प्रमुख अंग कमजोर हो जा रहे हैं। इसलिए लापरवाही न बरतें।


इन अंगों को भी नुकसान

हृदय की मांसपेशियां कमजोर हो रही, ब्लड का थक्का बनने से हार्ट अटैक की आशंका, मायोकार्डिटिस से मृत्यु हो सकती है। अगर कोविड के बाद सांस फूल रहा और छाती में भारीपन है तो डॉक्टर को दिखाएं। पेट और किडनी पर भी असर पड़ रहा है। 3-4 सप्ताह तक सूंघने-स्वाद की समस्या रह रही है। स्टीम लेते रहें।


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