अज़ब-गज़ब: कोई नहीं हिला पाया श्री कृष्ण की मक्खन गेंद

हमारा देश आश्चर्यों से भरा हुआ है, आपको यहां हर जगह कुछ ना कुछ रहस्यमयी कहानी या किस्सा मिल ही जायेगा। बहुत से तो रहस्य आप भी रोज देखते होंगे और ज्ञिज्ञासा बस उसे सुलझाने की भी कोशिश करते होगे।

श्री कृष्ण की मक्खन गेंद

इसी कड़ी में दक्षिण भारत के महाबलिपुरम के एक पत्थर ने लोगों का ध्यान अपनी तरफ़ खींचा है। कहते है भौतिक विज्ञान के नियमो की धज्जियां उड़ाती हजारों वर्ष पुरानी श्री कृष्ण की यह मक्खन गेंद जानिए विस्तार से

यह पत्थर श्रीकृष्ण बटरबॉल के नाम से प्रसिद्ध है, आपको यह साधारण पत्थर लगता होगा, लेकिन यह पत्थर विज्ञान के सारे नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए अडिग है, बता दें तमिलनाडु के महाबलिपुरम में “कृष्ण का बटरबॉल (Butterball)” नाम से मशहूर 250 टन वजन एवं 20 फीट ऊँची तथा 5 मीटर चौड़ी एक चट्टान 4 फीट से भी कम आधार वाले एक पहाड़ी की ढलान पर स्थित है। 

अज़ब-गज़ब: कोई नहीं हिला पाया श्री कृष्ण की मक्खन गेंद
अज़ब-गज़ब: कोई नहीं हिला पाया श्री कृष्ण की मक्खन गेंद

यह पत्थर ढलान वाली पहाड़ी पर, 45 डिग्री के कोण पर मात्र 4 फुट की जगह घेरकर बिना लुढ़के टिका हुआ है ।। इस पत्थर का वजन 250 टन है, इसे साथ हाथियों  की मदद से यहां से हटाने का प्रयास किया गया था, लेकिन यह हिला तक नही । ढलान के ऊपर इस पत्थर का अपने आप टिका रहना ही किसी आश्चर्य से कम नही, उल्टे यह महान प्रयासों के बाद भी हिलाने से भी नही हिलता, यह महाआश्चर्य की बात है ।

देखने से यह पत्थर ऐसे लगता है की किसी भी क्षण यह पत्थर लुढ़ककर इस पहाड़ी को चकनाचूर कर देगा, लेकिन हजारो वर्षो के बाद भी गिरना तो दूर, यह पत्थर हिला तक नही है ।

सात हाथी भी नहीं हिला पाए यह पत्थर
इस पत्थर को यहां से हटाने का प्रयास पल्लव राजाओ ने किया था, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी वह इसे हिलाने में भी कामयाब नही हुए, उसके बाद 1908 में अंग्रेजो ने इसे हटाने का प्रयास किया, 7 हाथी इस पत्थर को हटाने में लगाये, लेकिन हिला तक नही --  पल्लव राजाओ के समय  तो हाथियों की संख्या इससे कहीं अधिक थी, तब यह नही हिला, तो अंग्रेजो से तो हिलना ही क्या था ?
अज़ब-गज़ब: कोई नहीं हिला पाया श्री कृष्ण की मक्खन गेंद

विज्ञान भी नहीं समझ पाया आजतक
जियोलॉजिस्ट भी इस पत्थर की गुत्थी सुलझा नही पाए है, वह भी यह मानते है की प्राकृतिक रूप से भी इस प्रकार की आकृति नही बन सकती, अगर बन भी जाये, तो उसे कम से कम हटाया तो जा ही सकता है, इस पत्थर का इस तरह अडिग रहना, विज्ञान के समझ के परे है, इस चमत्कार को विज्ञान भी नमस्कार करता है।

यहां के स्थानीय लोगो का मानना है की यह पत्थर स्वर्ग से आया था, मतलब बाहरी दुनिया के लोग साक्षात भगवान के कारण ही यह पत्थर इस तरह है, शायद स्थानीय लोग ही जियोलॉजिस्ट की तुलना में ज़्यादा सही है।

सुनामी, भूकंप या चक्रवात भी नहीं हिला पाए
यहाँ तक कि सुनामी, भूकंप या चक्रवात आने के बावजूद यह चट्टान 1200 से भी अधिक वर्षों से अपने स्थान पर स्थिर है। वास्तव में, यह चट्टान एक हॉफ सर्किल की तरह दिखता है जिसका एक हिस्सा खंडित है लेकिन चट्टान किस प्रकार खंडित हुआ, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। कृष्ण का बटरबॉल हमारे आधुनिक प्रौद्योगिकी के लिए एक चुनौती है कि कैसे एक 250 टन का चट्टान 4 वर्ग फीट से भी कम क्षेत्रफल वाले एक छोटे आधार पर खड़ा हो सकता है?

दूर-दूर से आते हैं लोग देखने

अज़ब-गज़ब: कोई नहीं हिला पाया श्री कृष्ण की मक्खन गेंद

यह बटरबॉल वर्तमान में एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बन गया है, जहाँ लोग इस अद्भुत प्राकृतिक चट्टान को देखने के लिए आते है और इस चट्टान की तस्वीरें लेते है। इसके अलावा यह स्थान स्थानीय लोगों के लिए एक पिकनिक स्पॉट बन गया है। कुछ लोग इस चट्टान को धक्का देकर पहाड़ी से नीचे गिराने का असफल प्रयास करते हैं और थककर इसकी छाँव में बैठ जाते है।


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