सत्ता और विपक्ष के लिए UP विधानसभा उपचुनाव साख की लड़ाई
उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले ट्रायल माना जा रहा UP उपचुनाव

उत्तर प्रदेश विधानसभा की आठ सीटों पर उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है. राजनीतिक दलों ने अपने चुनावी तरकश से सियासी तीर निकालना शुरु कर दिया है. इस क्रम में सबसे पहले देश की सबसे पुरानी पार्टी और सूबे में सियासी जमीन खो चुकी कांग्रेस ने आगे कदम बढ़ाया. कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की कुल आठ विधानसभा सीटों में से दो के लिए रविवार को उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है, जहां उपचुनाव होने वाले है।
बांगरमऊ विधानसभा सीट से भाजपा के कुलदीप सेंगर को दोषी ठहराए जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी
कांग्रेस पार्टी ने बांगरमऊ विधानसभा सीट से आरती वाजपेयी को अपना उम्मीदवार बनाया है. दरअसल, पिछले साल दुष्कर्म के मामले में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य कुलदीप सेंगर को दोषी ठहराए जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी।
स्वार विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी के मौजूदा सदस्य अब्दुल्ला आजम की अयोग्यता के कारण रिक्त हुई थी
रामपुर जिले में स्वार विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने हैदर अली खान को नामित किया है. यह सीट समाजवादी पार्टी के मौजूदा सदस्य अब्दुल्ला आजम की अयोग्यता के कारण रिक्त हुई थी, जिन्होंने अपने दस्तावेजों में कथित रूप से अपनी जन्मतिथि को गलत दर्शाया था. दो विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा करने वाली कांग्रेस पहली पार्टी है।
उपचुनाव की तारीखों की घोषणा अभी तक नहीं की गई
आठ विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव की तारीखों की घोषणा अभी तक नहीं की गई है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि ये बिहार में विधानसभा चुनाव के आसपास ही होंगे. कांग्रेस उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में अपने उम्मीद्वारों का नाम फाइन करने में लगी है।
योगी/भाजपा की साख का सवाल उत्तरप्रदेश उपचुनाव
सत्तारूढ़ बीजेपी अभी शांत है, लेकिन वह अंदर से काम कर रही है. वहीं, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी अपनी रणनीति बना रही है।
मायावती, अखिलेश और कांग्रेस के लिए भी उत्तरप्रदेश उपचुनाव अहम है
दरअसल, जिस तरह से 8 विधानसभा सीटों के उपचुनाव को लेकर सियासी दल रणनीति बना रहे है. उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि यह चुनाव उनके लिए साख की लड़ाई है।