वविश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja 2020) Puja Vidhi, Muhurat, Mantra

भगवान विश्वकर्मा की जयंती हर वर्ष 17 सितंबर को मनाई जाती है। इस दिन को विश्वकर्मा पूजा कहा जाता है। हर बार यह पूजा 17 सितंबर को ही की जाती है। 

लेकिन इस बार यह 16 सितंबर को की जाएगी। इस दिन व्यापारी अपने काम में इस्तेमाल होने वाले औजारों और मशीनों की पूजा-अर्चना करते हैं। विधि-विधान से पूजा करने से व्यापारियों को विशेष फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्‍यवसाय में दिन दूनी रात चौगुनी तरक्‍की होती है। हालांकि, इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जिनकी जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं।

कौन हैं भगवान विश्वकर्मा

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, प्राचीन काल में देवताओं के महल और अस्त्र-शस्त्र विश्वकर्मा भगवान ने ही बनाया था. इन्हें निर्माण का देवता कहा जाता है. मान्यता है कि भगवान कृष्ण की द्वारिका नगरी, शिव जी का त्रिशूल, पांडवों की इंद्रप्रस्थ नगरी, पुष्पक विमान, इंद्र का व्रज, सोने की लंका को भी विश्वकर्मा भगवान ने बनाया था. अत: इसी श्रद्धा भाव से किसी कार्य के निर्माण और सृजन से जुड़े हुए लोग विश्वकर्मा भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं।

विश्वकर्मा पूजा मंत्र

ओम आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम:।

विश्वकर्मा पूजा पर इन बातों का रखें खास ख्याल:

1. इस दिन कारखाने और फैक्ट्रियों को बंद रखा जाता है। इस दिन इन जगहों पर काम नहीं किया जाता है। कारखाने और फैक्ट्रियों में मौजूद मशीनों, उपकरणों और औजारों की पूजा की जाती है और इन्हें इस्तेमाल नहीं किया जाता है। मशीनों, उपकरणों और औजारों की पूजा करने से घर में बरकत आती है।

2. इस दिन व्यक्ति को तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। इससे व्यापार में तरक्की नहीं होती है। इस दिन व्यापार और रोजगार को बढ़ाने के लिए इस दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को अपनी सामर्थ्य इनुसार दान जरूर देना चाहिए।

3. हम जो भी चीजें रोजमर्रा इस्तेमाल करते हैं उनका शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा को ही माना जाता है। भले ही कोई औजार जिसे आप इस्तेमाल करते हैं वो आपके घर पर ही क्यों न हो, उनके इस्तेमाल से बचना चाहिए। किसी को इस दिन औजार उधार पर भी न दें। मशीनों को सजाकर रखें।

4. ऑफिस और फैक्ट्रियों के साथ-साथ घर पर भी मशीनों की पूजा करनी चाहिए। इस दिन व्यक्ति को अपनी गाड़ी की भी पूजा करनी चाहिए। उसकी साफ-सफाई करें। गाड़ी की ग्रीसींग और ऑयलिंग भी करें।

पूजा करने के लिए जानें शुभ समय

इस साल विश्वकर्मा पूजा पर कई संयोग बन रहे हैं. जिसमें पूजा करने से आपको कई लाभ प्राप्त होगा. इस दिन एक योग सुबह 7 बजकर 22 मिनट तक रहेगा और उसके बाद साध्य योग का प्रारंभ हो जाएगा. इसके अलावा आज के दिन कोई भी अभिजित मुहूर्त नहीं है. लेकिन अमृत काल मुहूर्त बन रहा है जो सुबह 10 बजकर 9 मिनट से सुबह 11 बजकर 37 मिनट तक रहेगा. वहीं दोपहर 02 बजकर 19 मिनट से दोपहर 3 बजकर 08 मिनट तक विजय योग रहेगा. इसके अलावा शाम 06 बजकर 12 मिनट से शाम 6 बजकर 36 मिनट तक गोधूलि मुहूर्त रहेगा. इन सभी योग में विश्वकर्मा जी की पूजा करने से आपको उनकी खास आशीर्वाद प्राप्त होगा।


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