लोकसभा सचिवालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, वर्चुअल सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा. अर्थात् सांसद संबंधित मंत्रियों से सवाल नहीं पूछ सकेंगे।
प्राइवेट मेंबर बिल पर चर्चा नहीं
इसके इलावा कुछ पश्नो का उत्तर डिजिटल फॉर्म में उपलब्ध कराया जाएगा. इसी तरह शुक्रवार को प्राइवेट मेंबर बिल पर चर्चा नहीं कराया जाए, इसके लिए सांसदों से विचार-विमर्श किया जाएगा. सत्र में शून्य काल, स्पेशल मेंशन और नो कांफिडेंश मोशन जैसे प्रस्ताव लाने का विकल्प है. सचिवालय के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि विधेयकों और अध्यादेशों की प्रति सांसदों को नहीं सौंपी जाएगी. सांसदों को इन अध्यादेशों या विधेयकों की डिजिटल कॉपी दी जाएगी।
वर्चुअल माध्यम से विभिन्न विधेयकों और मुद्दों पर चर्चा सुचारू रूप से चले इसके लिए पुख्ता व्यवस्था की गई है. यदि कोई दल या सांसद, किसी प्रस्ताव के विरोध में वॉक आउट करना चाहे तो इसके लिए वर्चुअल व्यवस्था होगी।
पूरे सत्र के दौरान तकनीकी टीम मौजूद रहेगी
इसके तहत पार्टी या सांसद अपनी सीट से उठ कर चले जाएंगे और इसका प्रसारण दिखेगा. राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि सत्र शुरू होने से पहले संसद में हर दल के लिए जो कमरे हैं, वहां के प्रभारियों को तकनीक के बारे में डेमो दिया जाएगा ताकि वह अपने दलों के सांसदों को डिजिटल सत्र के बारे में तकनीकी पहलुओं को बता सकें. पूरे सत्र के दौरान तकनीकी टीम मौजूद रहेगी. हर सांसद को बोलने के लिए टाइम निर्धारित होगा और उसी समय सीमा के अंदर उन्हें अपनी बात रखनी होगी।