Chanakya Niti: घर के मुखिया में होने चाहिए ये गुण, कभी नहीं बिगड़ेंगे घर के हालात

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चाणक्य नीति शास्त्र में ऐसी कई ज्ञान की बातें बताई गई हैं जिनसे व्यक्ति यह जान सकता है कि राज किस तरह किया जाए। नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर किसी राज्य का राजा मजबूत है तो कोई भी उसे और उसके राज्य को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। इसी तरह अगर किसी घर का मुखिया मजबूत है तो कोई भी व्यक्ति उसके परिवार के सदस्यों को परेशानी में नहीं डाल सकता है।

सोच-समझकर फैसला लेने वाला – घर के मुखिया को अहम में रहकर कोई भी फैसला नहीं लेना चाहिए। आप घर के मुखिया हैं आपका यह कर्तव्य है कि आप अपने घरवालों के लिए सोच-समझकर फैसला करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि आपके इस फैसले से परिवार का हित ही होगा।

निर्णयों के हो पक्के – मुखिया को हमेशा अपने निर्णयों पर अडिग रहना चाहिए। जिस परिवार का मुखिया अपने फैसलों पर अडिग रहता है उसके परिवार के सदस्यों को भी अनुशासन में रहने की आदत हो जाती है। इसलिए घर के मुखिया को अपने निर्णयों का पक्का होना चाहिए।

न हो खर्चीला – अगर परिवार का मुखिया ही खर्चीला होगा तो बाकी सदस्य भी अधिक खर्चा किया करेंगे। इसलिए मुखिया को कम खर्च करना चाहिए। परिवार के मुखिया को इस बात का ख्याल होना चाहिए कि उसके आचरण का ही परिवार के सदस्यों को अनुसरण करना है।

बचत के लिए हो जागरुक – घर में जो भी धन आए उसे घर के मुखिया के हाथ में देना चाहिए। अगर घर का मुखिया बचत के लिए जागरूक होता है तो सारा पैसा व्यवस्थित रूप में रहता है जिससे जरूरत पड़ने पर उस पैसे का एक हिस्सा भी लिया जा सकता है। कहते हैं कि जो धन घर के मुखिया के हाथ में दिया जाता है वह धन संचय के काम आता है।

कान का कच्चा – आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन और व्यवहार में इस गुण को नापसंद किया है। चाणक्य कहते हैं कि घर के मुखिया को कान का कच्चा नहीं होना चाहिए। ऐसा व्यक्ति अपनों से दूर हो जाता है और जीवन में धोखा खाता है। अगर आपको किसी व्यक्ति से अपने घर के बारे में कुछ सुनने को मिले तो घर आकर उसकी पुष्टि जरूर करें।

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