Hathras Case: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में हाथरस मामले की सुनवाई आज

Hathras Case Hearing :  पीड़ित परिवार पहुंचेगा लखनऊ हाईकोर्ट

लाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सोमवार को दिन में दो बजे से हाथरस के बूलगढ़ी गांव में मृत दलित युवती के साथ कथित दुष्कर्म, मारपीट तथा पीड़िता का रातोंरात अंतिम संस्कार कराने के मुद्दे पर सुनवाई होगी। यह प्रकरण कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। इस केस की सुनवाई के दौरान पीड़ित परिवार भी शामिल होगा, जो कड़ी सुरक्षा में सुबह ही हाथरस से चला है। सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले की आज सुनवाई होनी है।

मामला कोर्ट 'गरिमापूर्ण ढंग से अंतिम संस्कार के अधिकार' टाइटिल के तहत जस्टिस पंकज मित्तल व जस्टिस राजन रॉय की बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया गया है। एक अक्टूबर को इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था, जिलाधिकारी हाथरस और पुलिस अधीक्षक हाथरस को तलब किया था। न्यायालय ने मृतका के मां-पिता, भाई व बहन को भी हाजिर होने को कहा था। सोमवार को वह भी हाजिर रहेंगे। 


मृत युवती का परिवार सुबह 5:50 बजे कड़ी सुरक्षा में हाथरस से लखनऊ के लिए चला है। पीड़ित परिवार को लेकर एडीएम अंजलि गंगवार लखनऊ आ रही हैं। उन्होंने बताया कि मैं उनके साथ जा रही हूं। सुरक्षा के उचित प्रबंध किए गए हैं। जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) भी हमारे साथ हैं। मृत युवती के परिवार से पांच लोग कोर्ट में हाजिर होंगे। उन्हें कड़ी सुरक्षा में रवाना किया गया है। हाई कोर्ट ने पांच बड़े अफसरों के
साथ पीड़ित परिवार को भी बुलाया है। डीजीपी डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के साथ अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के साथ हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार व एसपी विनीत जायसवाल को भी तलब किया गया है। कोर्ट ने डीएम प्रवीण कुमार को विशेष रूप से तलब किया है। 

हाइकोर्ट की सुनवाई पर सबकी नजर

इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने हाथरस में दलित युवती के साथ इस प्रकार पर जबरन अंतिम संस्कार कराने के मामले में डीएम-एसपी समेत उच्चाधिकारियों को तलब करते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है।

हलफनामा दाखिल करेगी सरकार

संस्कार कराने के मामले ने छह अक्टूबर को उत्तर प्रदेश सरकार जवाब दाखिल कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से तीन अन्य मुद्दों पर भी हलफनामा मांगा है, जिसकी सुनवाई आज को होनी है। इसके लिए प्रशासन ने एक दिन पहले ही तैयारी कर ली।

हाथरस पहुंची सीबीआइ टीम

सीबीआइ, गाजियाबाद की एंटी करप्शन ब्रांच ने हाथरस कांड में हत्या, सामूहिक दुष्कर्म, एससी-एसटी एक्ट व जानलेवा हमले समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया और इसके बाद हाथरस पहुंचकर जांच भी शुरू कर दी है। सीबीआइ ने हाथरस के चंदपा थाने में युवती के भाई की ओर से 14 सितंबर को दर्ज कराई गई एफआइआर को ही केस का आधार बनाया है। इस केस की जांच डिप्टी एसपी सीमा पाहूजा करेंगी। सीबीआइ ने रविवार को हाथरस पुलिस से एफआइआर व दस्तावेज लिए। सीबीआइ ने केस में दुष्कर्म को शामिल जरूर किया है। इससे पहले सफदरगंज अस्पताल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और आगरा की फोरेंसिक लैब में इस केस में दुष्कर्म पुष्टि नहीं हुई थी। राज्य सरकार ने दो अक्टूबर को हाथरस कांड की सीबीआइ जांच कराने का निर्णय किया था जिसके आधार पर केंद्रीय कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग ने शनिवार को अधिसूचना जारी की थी। सीबीआइ की गाजियाबाद यूनिट ने रविवार को रेगुलर केस दर्ज किया। जांच टीम युवती के परिवार व अन्य प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी दर्ज करेगी।

एसआइटी करती रहेगी अपनी जांच

हाथरस कांड को लेकर सचिव गृह भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में गठित एसआइटी जल्द अपनी जांच पूरी कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगी। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि एसआइटी को हाथरस में हुई घटना के पूर्व तथा एफआइआर दर्ज होने के बाद पुलिस की भूमिका की जांच सौंपी गई है। एसआइटी अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।

एसआइटी जांच कर रही है, सीबीआइ विवेचना करेगी

पूर्व डीजीपी बृजलाल का कहना है कि एसआइटी ने जांच की है, जबकि सीबीआइ घटना की विवेचना करेगी। जांच और विवेचना दोनों अलग-अलग हैं। एसआइटी की जांच में पाई गईं कमियों व गलतियों पर संबंधित पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध शासन कार्रवाई कर सकता है, लेकिन उसकी जांच घटना की विवेचना का हिस्सा नहीं हो सकती। सीबीआइ चाहेगी तो एसआइटी से उसकी जांच रिपोर्ट ले सकती है।

सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने दिया था एफिडेविट

सुप्रीम कोर्ट में बीते मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने रात में अंतिम संस्कार कराए जाने को लेकर सफाई दी थी। इसमें हाथरस जिला प्रशासन की ओर से दाखिल एफिडेविट में दावा किया गया कि, जिले को बड़ी हिंसा से बचाने के लिए मृत युवती के माता-पिता को रात में अंतिम संस्कार करने के लिए मना लिया था। खुफिया रिपोर्ट मिली थी कि वहां पर लाखों लोग एकत्र होंगे, जिससे बड़े बवाल की संभावना थी। यह लोग वहां पर जाति के साथ सांप्रदायिक रंग दे सकते थे।

इसी दिन बूलगढ़ी मामले में दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से तीन मुद्दों- गवाहों व परिवार की सुरक्षा, पीड़ित परिवार के पास वकील है कि नहीं और इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस केस का स्टेट्स क्या है। इस पर पर हलफनामा दाखिल करने को कहा था। जिसकी सुनवाई आज होनी है। बूलगढ़ी प्रकरण मामले को सीबीआइ ने टेकओवर कर लिया है। राज्य सरकार की सिफारिश पर शनिवार हाथरस कांड की सीबीआइ जांच की अधिसूचना जारी कर दी गई है। सीबीआइ ने केस अपने हाथ में लेने के साथ ही रविवार को गाजियाबाद में एक मामला दर्ज किया है। शाम को टीम हाथरस भी पहुंच गई। आज सीबीआइ जांच में तेजी आएगी। बताया जा रहा है कि टीम मृतका के गांव भी जाएगी। 

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