मंडियों में सरसों खरीद की धीमी रफ्तार, नमी के बहाने रिजेक्ट कर किसानों को कर रहे परेशान
आज किसान पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के कार्यकाल को कर रहे है याद
खरीद को लेकर चल रहा प्रशासन का मनमाना रवैया
हरियाणा/नारनौल: एक तरफ सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने का दावा करती है, किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदने का दावा करती है, लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
जेजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष अभिमन्यु राव ने कहा कि सरकार ने इस सीजन में सरसों के लिए 5,650 रूपए प्रति किवंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया हुआ है, लेकिन मंडियों में किसानों की फसलों को खरीदने के नाम नाम पर उनकी परेशानी बढ़ाने का काम किया जा रहा है। किसान अपनी फसल को मंडी में लेकर पहुंच तो जाता है, लेकिन अपनी फसल को बेचने के लिए उनको कई-कई दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है। खरीद और उठान की धीमी रफ्तार के कारण किसानों को कई-कई दिनों तक मंडी में ही अपनी फसलों की निगरानी के लिए रूकना पड़ रहा है। इसके कारण किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि खरीद एजेंसिया नमी के बहाने सरसों को रिजेक्ट करने का काम कर रही हैं। ऐसी स्थिति में किसान के पास दो ही विकल्प बनते हैं, या तो वे अपनी सरसों को कम दामों में आढ़तियों को बेच दें, या फिर वहीं मंडी में ही रूक कर अपनी सरसों को सुखाने का काम करें। ऐसे में किसानों को अपनी सरसों कम दामों पर बेचनी पड़ रही है।
खरीद में हो रही मनमानी, किसान मंडी में रूकने को मजबूर
अभिमन्यु राव ने कहा कि खरीद एजेंसियां सरसों की खरीद में मनमाना रवैया अपना रही है। प्रतिदिन खरीद नहीं हो पाने के कारण किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि खरीद को कभी किसी बहाने से तो कभी किसी बहाने से रोक दिया जाता है। इसके कारण जो किसान उस दिन मंडी में अपनी फसल लेकर पहुंचता है, उसकी फसल की खरीद नहीं हो पाती। इसलिए किसान को मजबूरन मंडी में ही रूक कर खरीद शुरू होने और अपनी बारी आने का इंतजार करना पड़ रहा है।
दुष्यंत चौटाला के कार्यकाल में रखा गया किसानों का ख्याल
अभिमन्यु राव ने कहा कि पूर्व उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के कार्यकाल के दौरान किसानों को किसी प्रकार की असुविधा या परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसका विशेष ध्यान रखा जाता था। किसानों की फसल को प्राथमिकता के साथ खरीदा जाता है और उनकी पेमेंट भी जल्द से जल्द करवाई जाती थी, ताकि किसान को मेहनत की कमाई के लिए इंतजार न करना पड़े।
किसानों की फसल की जल्द से जल्द हो खरीद
अभिमन्यु राव ने कहा कि खरीद एजेंसियों को किसानों की फसल जल्द से जल्द खरीदनी चाहिए, ताकि किसानों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि सरकार को भी इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि फसल बेचने के दौरान किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। किसानों के एक-एक दाने की खरीद सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होनी चाहिए और मंडी में किसानों को गेट पास और टोकन जैसे झंझटों से भी छुटकारा दिलाना चाहिए, ताकि किसानों को गेट पास के लिए लंबी लाइनों में लगकर घंटों इंतजार नहीं करना पड़े।