चीन की नई चाल: एलएसी पर गोलीबारी का किया दावा, भारतीय सेना पर लगाया आरोप
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भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर बीते काफी लंबे समय से गतिरोध जारी है. जिसे लेकर भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच झड़प की भी खबरें सामने आ चुकी है, भारत चीन सीमा पर तनाव अब अधिक बढ़ता नजर आ रहा है।
- चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स का दावा-लद्दाख में भारत-चीन के सैनिकों में फिर झड़प
- पीएलए के वेस्टर्न कमांड के प्रवक्ता के हवाले से किया झड़प का दावा
- चीन फिर से काला टॉप और हेल्मेट टॉप हासिल करने की फिराक में
- चीन ने भारत की कार्रवाई को उकसाने वाला बताया
- पैंगोग सो झील के दक्षिणी छोर पर स्थित शेनपाओ की पहाड़ी पर झड़प दावा
- भारतीय सैनिकों पर एलएसी पार करने और गोलबारी करने का लगाया आरोप
बता दे, सोमवार देर रात पैंगॉन्ग त्सो झील पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भारत और चीन के सैनिकों में गोलीबारी की घटना हुई है। चीनी सैनिकों की ओर से फिर घुसपैठ की कोशिश के चलते करीब चार दशक बाद सोमवार देर रात पहली बार दोनों तरफ से गोलीबारी की खबर है।
भारत सरकार या सेना की तरफ से झड़प की पुष्टि नहीं
हालांकि, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को चेतावनी देने के लिए ही गोली चलाई है। घटना के बाद हालात नियंत्रण में है। भारत की ओर से आधिकारिक तौर पर घटना को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया है। वहीं, चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने सेना के हवाले से पूरी घटना का दोष भारत पर मढ़ा है। उसका कहना है कि भारतीय सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की। ऐसे में इस घटना से दोनों देशों के बीच तनाव और गहराने की आशंका है।
45 साल बाद LAC पर भारत-चीन के सैनिकों के बीच फायरिंग
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खास बात यह है कि 1975 के बाद सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच इस तरह से पहली बार फायरिंग हुई है। सूत्रों के मुताबिक, पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे पर चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी। भारतीय सैनिकों ने चेतावनी दी, लेकिन रुकने के बजाय उन्होंने फायरिंग कर दी। इस पर भारतीय सैनिकों ने भी जवाबी फायरिंग की।
हाई अलर्ट पर भारतीय जवान
भले ही गोली चेतावनी के लिए ही चली हो, लेकिन घटना दर्शाती है कि सीमा पर तनाव कितना बढ़ गया है। इस बीच, ग्लोबल टाइम्स ने चीनी सेना के प्रवक्ता के हवाले से दावा किया है कि भारतीय सैनिक एलएसी को पार कर पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित शेनपाओ पहाड़ी के इलाके में घुस रहे थे। अखबार ने यह भी कहा कि चीनी सैनिकों ने जब उन्हें रोका तो भारतीय सैनिकों की तरफ से फायरिंग की गई। इसके बाद चीनी सैनिकों ने भी फायरिंग की।
बता दें कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास दोनों देशों के सैनिकों के बीच लंबे समय से तनाव बरकरार है। दोनों देशों के सैनिकों के बीच बीते 5 जून को गलवान घाटी में बड़ी हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन को भी भारी नुकसान हुआ था। अंतराराष्ट्रीय मीडिया में कहा गया था कि इस झड़प में चीन के 35 से 40 सैनिक मारे गए हैं, लेकिन चीन ने अब तक अपने मारे गए सैनिकों की संख्या नहीं बताई। तब से दोनों ओर से सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर स्थिति को सामान्य करने की कोशिश जारी है।
पैंगोंग सो के पास रणनीतिक रूप से अहम चोटी पर भारतीय जवानों ने किया था कब्जा
चीन की नापाक हरकतों को जवाब देते हुए कुछ दिन पहले ही भारतीय सैनिकों ने पैंगोंग सो झील के दक्षिणी किनारे की एक अहम चोटी पर कब्जा किया था और घुसपैठ की कोशिश कर रहे पीएलए के जवानों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था। गौरतलब है कि लद्दाख में की गलवान वैली में जून में चीनी सैनिकों के साथ हुए संघर्ष में एक कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। हालांकि पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के कितने जवान इस झड़प में हताहत हुए थे, इसकी जानकारी चीन की ओर से नहीं दी गई थी।
तनाव कम करने के लिए अपने चीनी समकक्ष के साथ बैठक कर चुके हैं राजनाथ
आपको बता दें कि पिछले तीन महीनों से भारत और चीन के बीच सीमा विवाद सुलझाने को लेकर बातचीत जारी है।सीमा पर जारी तनाव को कम करने के लिए दोनों देश राजनयिक और सैन्य माध्यमों से लगातार संपर्क में हैं। हालांकि अब तक हुई बातचीत से सीमा विवाद का कोई समाधान नहीं निकला है। तनाव कम करने के लिए रूस के मॉस्को में पिछले शुक्रवार को रक्षी मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी समकक्ष वेई फेंघे के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की थी। यह बैठक 2 घंटे से ज्यादा चली थी। वहीं इसी मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच मॉस्को के बैठक होने की संभावना भी जताई जी रही है।