विश्वभर में प्लास्टिक के दुष्प्रभावों पर अनेकों बार बात की जाती है, लेकिन प्लास्टिक फ़्री- विश्व बनाने में अभी तक, विश्वस्तर में कोई ठोस क़दम नहीं उठाया गया।
![]() |
Click On |
हमारे देश में भी प्लास्टिक बेन को लेकर अनेकों क़ानून, प्लास्टिक बेन पर दिए गए भाषण, अधिकारियों के आदेश, किसी अख़बार की कटिंग, फाइलों के नीचे दबे मिल जाएंगे और प्लास्टिक का ढ़ेर सड़को पर चीख-चीख़ कर बोल रहा होगा मै प्लास्टिक हूँ।
सरकारी तंत्र का प्लास्टिक बेन को लेकर आलसी रवैया एक दिन बहोत बड़ी समस्या खड़ा कर देगा, उस दिन हम कुछ नही कर पाएंगे। आज हमें जगाना होगा।
मौजूदा कोरोना वायरस दौर को देखकर हम अंदाजा लगा सकते है कि मानव स्वयं नहीं सुधरा तो भविष्य में इसका कितना घातक परिणाम आ सकता है, प्रत्येक व्यक्ति को ख़ुद से एक पहल करनी चाहिए, कि वह आज से प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेगा!
प्रेग्नेंसी में प्लास्टिक बोतल से पानी पीने से हो सकता है कैंसर
बता दें, अक्सर लोग पानी पीने के लिए पानी की बोतल का ज्यादा इस्तेमाल करते है। और घर से बाहर निकलते हुए या घर में भी अक्सर हम बोतल से ही पानी पीते हैं। लेकिन अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो आपकी ये आदत सेहत पर भारी पड़ सकती है। हॉल ही में एक रिसर्च में खुलासा किया है कि प्रेग्नेंसी में प्लास्टिक बोतल से पानी पीना हार्मोनल बदलाव की वजह बन सकता है।
वास्तव में प्लास्टिक बोतल में पाया जाने वाला Bisphenol शरीर में भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन को भी दबा देता है। इसकी वजह से गर्भवती महिला की भूख भी प्रभावित हो जाती है। द एंड्रोक्राइन सोसाइटी द्वारा कराए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है।
दरअसल, प्लास्टिक की बोतलों में BPA (बिसफेनोल) नाम का रसायन पाया जाता है, जिसका सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। खासतौर से गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भ में पल रहे बच्चे की मानसिक सेहत के लिए इसे खतरनाक बताया गया है।
कनाडा स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ओटावा के शोधकर्ता डॉ. अलफोंसो अबिजैद ने बताया कि प्लास्टिक बोतल में पाया जाने वाला BPA शरीर की ऊर्जा और हार्मोन्स का संतुलन बिगाड़ देता है। इसकी वजह से शरीर में कई तरह के गैरजरूरी बदलाव होने लगते हैं। यहां तक कि यह बच्चे में मोटापे की वजह भी बन सकता है। यहां तक कि प्लास्टिक बोतल का पानी कैंसर की वजह भी बन सकता है।